Janardan Sharma To Take Oath As Nepal Finance Minister


Janardan Again Take Oath Finance Minister of Nepal: नेपाल के पूर्व मंत्री (Nepal Former Minister) जनार्दन शर्मा (Janardan Sharma) रविवार (31 जुलाई 2022) फिर से वित्त मंत्री (Finance Minister) पद पर नियुक्त होंगे. शाम को शपथ ग्रहण समारोह में वह यह पदभार ग्रहण करेंगे. इसकी पुष्टि नेपाल की कम्यूनिस्ट पार्टी (Maoist Centre) के अध्यक्ष पुष्प कमल दहल (Pushp Kamal Dahal) के निजी सचिव रमेश मल्ला (Ramesh Malla) ने फोन पर की है. उन्होंने बताया कि रविवार शाम को शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जा रहा है. दरअसल, मौजूदा वित्तीय वर्ष के कर सुधार में दो बाहरी लोगों को शामिल करने और बजट लीक (Budget Leak) करने के आरोप जनार्दन शर्मा पर लगे थे. 

जून से विपक्षियों ने दवाब बनाया तो छह जुलाई को उन्होंने अपना इस्तीफा दे दिया था. इस मामले में स्पीकर ने सर्वदलीय जांच समिति भी गठित की थी. जिसने अब जनार्दन शर्मा को क्लीन चिट दे दी है. नेपाल के स्थानीय समाचार-पत्र अन्नपूर्णा डेली में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक 13 जून से जनार्दन शर्मा पर इस्तीफे का भारी दबाव बनने लगा था. 29 मई को संसद में मौजूदा वित्तीय वर्ष का बजट पेश करने से ठीक पहले सरकार की तरफ से बजट लीक होने के आरोप लगे. सदन में सर्वदलीय जांच समिति बनाने पर सहमति बनी. 

2022-23 का बजट लीक करने का आरोप
स्पीकर अग्नि प्रसाद ने 11 सदस्यों की सर्वदलीय समिति भी गठित की. इस समिति ने जनार्दन शर्मा पर लगे आरोपों की जांच की. आरोप यह था कि जनार्दन शर्मा ने वित्त वर्ष 2022-23 बजट को पेश करने और उस पर चर्चा होने से पहले ही 14 मई को अपने कार्यालय में दो बाहरी लोगों के साथ चर्चा कर ली थी. इसमें यह भी आरोप था कि ये दोनों लोग निजी व्यवसाय समूह से जुड़े हुए थे. जिनकी सुविधा के लिए टैक्स के प्रस्तावों में भी हेरफेर किया गया था.

शुक्रवार को मिली जनार्दन शर्मा को क्लीन चिट
जांच समिति में मुख्य विपक्षी सीपीएन-यूएमएल के सदस्य के रूप में खगराज अधिकारी, प्रदीप ग्यावली, भानुभक्त ढकाल और बिमला बीके सहित चार विधायक शामिल हुए. इसके साथ ही नेपाली कांग्रेस से पुष्पा भुसाल और सीताराम महतो, माओवादी केंद्र से देव प्रसाद गुरुंग और शक्ति बहादुर बसनेत समिति में शामिल किए गए. यूनिफाइड सोशलिस्ट की सरला कुमारी यादव, जनता समाजवादी पार्टी के सुरेंद्र यादव और लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के लक्ष्मणलाल कर्ण भी इस समिति का हिस्सा बने. हालांकि समिति ने अब आरोप साबित न होने के चलते शुक्रवार को जनार्दन शर्मा को क्लीन चीट दे दी. 

स्थानीय समाचार पत्रों में भी उठा था मामला
लोकल अखबारों (Local News Papers) के मुताबिक जनार्दन शर्मा (Janardan Sharma) ने वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) के चार वरिष्ठ अधिकारियों को 28 मई की रात को दो व्यक्तियों के सुझावों का पालन करने का निर्देश दिया था. जिनमें से एक रघुनाथ घिमिरे (Raghunath Ghimire) और दूसरे  सेवानिवृत्त वरिष्ठ अराजपत्रित अधिकारी व चार्टर्ड एकाउंटेंट थे. यहां साफ किया गया कि जनार्दन शर्मा (Janardan Sharma) ने अंतिम क्षणों में बदलाव के आदेश दिये थे. जिसको लेकर दावा किया गया कि व्यापारिक समूहों को लाभ पहूंचाने के लिए ऐसा किया गया है. मई 1996 में नुवाकोट की एक ग्राम विकास समिति के सचिव के रूप में सरकारी सेवा में शामिल घिमिरे को आठ महीने बाद काठमांडू में एक टैक्स कार्यालय में स्थानांतरित किया गया था. कई राजस्व कार्यालयों में सेवा के बाद उन्होंने 13 फरवरी 2019 को सीमा शुल्क विभाग में एक वरिष्ठ अराजपत्रित अधिकारी के रूप में इस्तीफा दिया था. 

ये भी पढ़ें:

Vice President Election 2022: धनखड़ उपराष्ट्रपति पद का चुनाव जीते तो रच देंगे इतिहास, जानिए राजस्थान से और कौन रहा है वाइस प्रेसिडेंट

Vice President Election 2022: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल को NDA ने बनाया अपना उम्मीदवार, जानिए अब तक कितने राज्यपाल बने उप राष्ट्रपति



Source link