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राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की जांच में फंसे आईपीएस अधिकारी अरविंद दिग्विजय सिंह नेगी ने राज्य पुलिस मुख्यालय में ज्वाइनिंग दे दी है। विशेष अदालत (एनआईए) से नेगी को एक लाख रुपये के निजी मुचलकेऔर एक अन्य जमानती के आधार पर जमानत मिलने के बाद वह लौट आए हैं। राज्य पुलिस मुख्यालय की ओर से उनका निलंबन रद्द करने के लिए प्रदेश सरकार को फाइल भेज दी गई है। अभी स्वीकृति नहीं मिली है।
2011 के आईपीएस बैच में पदोन्नत पुलिस अधिकारी नेगी को पिछले साल छह नवंबर को एनआईए की ओर से दर्ज एक मामले में गिरफ्तार किया गया था। यह मामला भारत में आतंकवादी गतिविधियों की साजिश और इसे अंजाम देने में सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबंधित लश्कर के सक्रिय सदस्यों के नेटवर्क के प्रसार के आरोपों से संबंधित है।
नेगी एनआईए में पूर्व में टॉप इंवेस्टिगेटर (अन्वेषक) भी रह चुके हैं। इस विवाद के बीच हाल ही में नेगी को केेंद्रीय प्रतिनियुक्ति से वापस हिमाचल भेजा गया था। इसके बाद नेगी को एसडीआरएफ जुन्गा में कमांडेंट लगाया गया था। जहरीली शराब मामले की विशेष जांच टीम में भी नेगी को शामिल किया गया है।
सीपीएमटी पेपर लीक घोटाले की जांच के लिए हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश पर बनाई गई तत्कालीन आईजी ओसी ठाकुर के नेतृत्व वाली पुलिस की विशेष जांच टीम में अरविंद दिग्विजय सिंह नेगी जांच अधिकारी रहे चुके हैं। इस मामले में 119 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट तैयार की गई थी। आरोपियों को पकड़ने में उनकी अहम भूमिका रही। हालांकि, नेगी से हाल ही में यह नया विवाद जुड़ा है।