Himachal News: Women Officers Sent For Training To Kerala Under Rashtriya Gram Swaraj Abhiyan – Himachal Pradesh: प्रशिक्षण लेना था पंचायत प्रतिनिधियों को, भेज दीं तीन महिला अधिकारी


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हिमाचल प्रदेश पंचायती राज विभाग के राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए) पर सवाल उठने लगे हैं। इस अभियान के तहत पंचायत प्रतिनिधियों को केरल दौरे पर प्रशिक्षण के लिए सरकारी खर्चे पर ले जाना था, लेकिन सरकार ने किसी पंचायत प्रतिनिधि को न भेजकर तीन महिला अफसरों को भेज दिया। इनमें से एक अधिकारी का तो पंचायती राज विभाग से कोई लेना-देना भी नहीं है। 

प्रशिक्षण के लिए पंचायती राज संस्थाओं के जनप्रतिनिधियों का जाना जरूरी था। केरल दौरे पर इन अधिकारियों में एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी और दो हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा की अधिकारी शामिल हैं। आईएएस अधिकारी से पंचायती राज विभाग शिमला लौटने से पहले ही छिन गया है, जबकि विभागीय अधिकारी को दूसरी बार केरल भेज दिया गया। तीसरी अधिकारी का पंचायती राज विभाग से कोई लेना-देना नहीं है। 

पंचायती राज विभाग के अधिकारियों से मालूम हुआ है कि आरजीएसए के तहत पंचायत प्रतिनिधियों को प्रशिक्षित करने और उनके अध्ययन के लिए सरकारी खर्चे से देश के अन्य राज्यों खासकर केरल और महाराष्ट्र ले जाया जाता है। इन राज्यों में पंचायती राज संस्थाओं की जड़ें बड़ी गहरी हैं।

इन राज्यों में पंचायती राज संस्थाओं ने मॉडल के रूप में विकास कार्य भी किए हैं। यही कारण है कि हिमाचल प्रदेश से हर साल इन राज्यों में प्रदेश के पंचायती राज संस्थाओं के जनप्रतिनिधियों के एक प्रतिनिधिमंडल को अध्ययन करने के लिए ले जाया जाता है। इस प्रतिनिधिमंडल के  साथ सिर्फ एक अफसर विभाग से ड्यूटी पर भेजा जाता है। 

ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेद्र कंवर कहते हैं कि गंभीर मामला ध्यान में लाया गया है। इसकी वह जांच कराएंगे और अगर गलत तरीके से सिर्फ अधिकारियों को केरल भेजा गया है तो वह कार्रवाई करेंगे। 

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हिमाचल प्रदेश पंचायती राज विभाग के राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए) पर सवाल उठने लगे हैं। इस अभियान के तहत पंचायत प्रतिनिधियों को केरल दौरे पर प्रशिक्षण के लिए सरकारी खर्चे पर ले जाना था, लेकिन सरकार ने किसी पंचायत प्रतिनिधि को न भेजकर तीन महिला अफसरों को भेज दिया। इनमें से एक अधिकारी का तो पंचायती राज विभाग से कोई लेना-देना भी नहीं है। 

प्रशिक्षण के लिए पंचायती राज संस्थाओं के जनप्रतिनिधियों का जाना जरूरी था। केरल दौरे पर इन अधिकारियों में एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी और दो हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा की अधिकारी शामिल हैं। आईएएस अधिकारी से पंचायती राज विभाग शिमला लौटने से पहले ही छिन गया है, जबकि विभागीय अधिकारी को दूसरी बार केरल भेज दिया गया। तीसरी अधिकारी का पंचायती राज विभाग से कोई लेना-देना नहीं है। 

पंचायती राज विभाग के अधिकारियों से मालूम हुआ है कि आरजीएसए के तहत पंचायत प्रतिनिधियों को प्रशिक्षित करने और उनके अध्ययन के लिए सरकारी खर्चे से देश के अन्य राज्यों खासकर केरल और महाराष्ट्र ले जाया जाता है। इन राज्यों में पंचायती राज संस्थाओं की जड़ें बड़ी गहरी हैं।

इन राज्यों में पंचायती राज संस्थाओं ने मॉडल के रूप में विकास कार्य भी किए हैं। यही कारण है कि हिमाचल प्रदेश से हर साल इन राज्यों में प्रदेश के पंचायती राज संस्थाओं के जनप्रतिनिधियों के एक प्रतिनिधिमंडल को अध्ययन करने के लिए ले जाया जाता है। इस प्रतिनिधिमंडल के  साथ सिर्फ एक अफसर विभाग से ड्यूटी पर भेजा जाता है। 

ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेद्र कंवर कहते हैं कि गंभीर मामला ध्यान में लाया गया है। इसकी वह जांच कराएंगे और अगर गलत तरीके से सिर्फ अधिकारियों को केरल भेजा गया है तो वह कार्रवाई करेंगे। 



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