सुप्रीम कोर्ट:ivf के लिए उम्रकैद की सजा काट रहे दंपती ने की पेरोल की मांग, सुप्रीम कोर्ट ने कही यह बात


सर्वोच्च न्यायालय

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– फोटो : सोशल मीडिया

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राजस्थान की जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं दंपती ने संवेदनहीनता के लिए आईवीएफ याचिका दायर करने के लिए पेरोल की मांग की है। इसको लेकर दंपती ने राजस्थान हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। दरअसल, हाई कोर्ट ने दंपती की याचिका को खारिज कर दिया था।

मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान के अधिकारियों से दंपती की पेरोल पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने को कहा है। जस्टिस सूर्यकांत और जेके माहेश्वरी की पीठ ने कहा है कि याचिकाकर्ता पेरोल के लिए जिम्मेदार थे, क्योंकि 45 वर्षीय महिला को गर्भ धारण करने के लिए जुड़ उपचार की आवश्यकता होती है।

जेल में एक साथ रह रहे हैं दंपती

याचिकाकर्ता बंधन की सजा काट रहे हैं और वर्तमान में वे ओपन एयर कैंप, दुर्गापुरा, जयपुर में बंद हैं, जहां वे एक साथ रहते हैं। हालांकि, 45 साल से महिला का एक अस्पताल में इलाज चल रहा है, इसलिए अधिकारी दोनों को वहां से जेल में स्थानांतरित करने के लिए तैयार हैं। शीर्ष अदालत ने दंपती को पेरोल के लिए आवेदन करने की छूट देते हुए अधिकारियों से इस सहानुभूतिपूर्वक विचार करने को कहा है। सुप्रीम कार्ट ने कहा है कि अगर इस मामले में कानूनी बाधा नहीं आती है तो दंपती को पेरोल दिया जाए।

महिला के पहले से हैं दो बच्चे

इससे पहले उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि महिला की पिछली शादी से दो बच्चे हैं और याचिका में पेरोल पर रहने के दौरान शादी की थी। उच्च न्यायालय ने कहा कि नियमों के अनुसार, अचूक पेरोल केवल मानव विचार से संबंधित मामले में दिए जा सकते हैं। कोर्ट ने कहा था कि चूंकि महिला के पहले से ही दो बच्चे हैं, ऐसे में आईवीएफ के माध्यम से सतर्कता के लिए पेरोल को आकस्मिक मामले के रूप में नहीं माना जा सकता है।



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