- डॉलर के मुकाबले 7.6 प्रतिशत तक गिरा पाकिस्तानी रुपया.
- शहबाज सरकार ने सऊदी अरब से साइन की है नई डील.
- इमरान खान ने सरकार पर लगाए कानूनों को बायपास करने के आरोप.
इस्लामाबाद. पाकिस्तान में शहबाज शरीफ सरकार (Shehbaz Sharif Government) के आने के बाद भी हालात संभल नहीं रहे हैं. देश डिफॉल्ट होने की कगार पर पहुंच चुका है. पाकिस्तानी रुपये (Pakistani Currency) ने पिछले दो दशक में सबसे खराब प्रदर्शन किया है. इससे निवेशकों के होश उड़े हुए हैं और उन्हें अगला श्रीलंका बनने का डर सताने लगा है. इस हालत से निपटने के लिए शहबाज शरीफ सरकार सरकारी संपत्तियां और जमीनें बेचकर और लोन लेने (Pakistan Loan) की तैयारी में है, ताकि पहले का कर्ज चुकाया जा सके. साथ ही देश की हालत कुछ सुधारी जा सके. सरकार ने सरकारी संपत्तियों को विदेशियों को बेचने का ऐलान किया है.
बीते गुरुवार को सरकार ने सरकारी तेल और गैस कंपनी और पावर प्लांट में अपनी हिस्सेदारी को संयुक्त अरब अमीरात को बेचने के अध्यादेश पर हस्ताक्षर कर दिया. उसे उम्मीद है कि इस डील से 2 से 2.5 अरब डॉलर हासिल किया जा सकता है. इससे पहले यूएई ने कर्ज नहीं लौटाने पर पाकिस्तान को नकदी देने से मना कर दिया था. उसने कहा था कि पाकिस्तान अपनी कंपनियों को खोल दे, ताकि उसमें निवेश किया जा सके.
डॉलर के मुकाबले 7.6 प्रतिशत तक गिरा पाकिस्तानी रुपया
फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपया 7.6 प्रतिशत गिरकर अब 228 रुपये तक पहुंच गया है. यह अक्टूबर 1998 के बाद के पाकिस्तानी रुपये में सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट आई है। इससे अब पाकिस्तान के अगला श्रीलंका बनने का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ गया है. यही नहीं अगर पाकिस्तान को आईएमएफ से 1.2 अरब डॉलर मिल भी जाते हैं, तो भी यह उसके भुगतान संतुलन संकट को दूर करने के लिए पर्याप्त नहीं होगा.
इमरान खान ने लगाए आरोप
उधर, पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने देश की खराब हालत पर जोरदार निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि हम श्रीलंका जैसे हालात से बहुत दूर नहीं हैं जब जनता सड़क पर उतरेगी. लाहौर में एक सभा को संबोधित करते हुए इमरान खान ने कहा, ‘अगर सरकारी संपत्तियों को बेचना और हमारे सदस्यों को खरीदने के लिए पैसे का इस्तेमाल बंद नहीं होता है, तो मैं चेतावनी दे रहा हूं कि पाकिस्तान अगला श्रीलंका बन जाएगा.’
कानूनों को किया जा रहा बायपास
इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था को बचाने की हड़बड़ी इतनी ज्यादा थी कि 6 प्रासंगिक कानूनों को भी बायपास कर दिया गया. यही नहीं शहबाज सरकार ने प्रांतों की सरकारों को बाध्यकारी तरीके से जमीनों के अधिग्रहण करने के आदेश जारी करने की शक्ति अपने पास ले ली. शहबाज सरकार ने अदालतों को संपत्तियों को बेचने के खिलाफ दायर किसी भी याचिका पर सुनवाई से रोक दिया है.’
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Tags: Imran khan, Pakistan
FIRST PUBLISHED : July 24, 2022, 10:00 IST