रामनाथ कोविंद रविवार को राष्ट्रपति भवन से करेंगे विदाई, जानिए कैसा रहा 14वें राष्ट्रपति कोविंद कोविंद को अध्यक्ष से लोक लोक, जानें 14वें राष्ट्रपति का पद पद


राम नाथ कोविंद- इंडिया टीवी हिंदी समाचार
छवि स्रोत: फ़ाइल फोटो
राम नाथ कोविंद

हाइलाइट

  • राम कोविंद का 14वें पद पर पद पद पर पदस्थापना
  • कोविंद ने 25 नवंबर 2017 को राष्ट्रपति पद के शपथ ग्रहण की
  • कार्य के क्रम 6 ने चेतावनी दी चेतावनी

राम नाथ कोविंद: जमीनी स्तर के नेता के पद के लिए राष्ट्रपति पद तक बैठने वाले रामनाथ कोविंद समाज में समतावाद और समग्रता के पायरोकारोही थे। देश के 14वें अध्यक्ष के पद पर 25 नवंबर, 2017 को शपथ ग्रहण करने वाले कर्मचारी के पद पर बैठने वाले व्यक्ति के लिए उपयुक्त होंगे। समाचार समाचार समाचार कोविंद ने जमीन के स्तर से खराब स्थिति और लोकसभा के लिए अपने कार्यकाल के रिकार्ड को समृद्ध किया है। देश के पूर्व नियंत्रक और जनतांत्रिक राष्ट्र संचार (जनसंख्या) की संचार प्रणाली (जनसंख्या) की राष्ट्रपति डॉ.

निर्माण में महिलाओं की भागीदारी

द्रौपदी मुर्मू ने वरिष्ठ अधिकारी के रूप में यशस्वीकार को अध्यक्ष के रूप में सक्षम किया है। मुरमू समूह से ताल्लुक पार्टी की महिला राष्ट्रपति हैं। कोविंद सामाजिक संचार के लिए एक उपकरण के रूप में उपयोग किया जाता है। सक्रिय रूप से सक्षम होने के साथ ही सक्रिय रूप से सक्षम होने के साथ ही सक्रिय रूप से सक्षम होते हैं।

दूर दृष्टि और घटना सूचक
राष्ट्रपति के पद में पदभार के बाद कोविंद के प्रवचन में देश के प्रति दृष्टि और दृश्य दिखाई देते थे। रिपोर्ट्स में रिपोर्ट किए जाने वाले कोविंद ने सामान्य रूप से रिपोर्ट किए जाने वाले वातावरण को बेहतर बनाने के लिए काम किया। कोविंद ने कहा कि भारत की सफलता की विविधता है।

सुरक्षा की निगरानी
रामनाथ कोविंद ने 25 नवंबर 2017 को लिखा था, “हमारी विविधीकरण ने कहा था कि यह अनिवार्य है। ️ राज्यों️ राज्यों️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️ हम सभी सामान्य हैं और फिर भी इसी तरह की बातें हैं।” शीर्ष संविधान पद के लिए चुने जाने के बाद 76 के कोविंद ने वरीयता और भारत से संबंधित के लिए डॉ. राष्ट्रपति के मुताबिक, वे नवंबर तक 33 की यात्रा पर थे और प्रभावित थे। इन की रक्षा के लिए भविष्य के भविष्य के लिए, उज्ज्वल भविष्य के मौसम का भारत का संदेश। भारत के राष्ट्रपति के रूप में, बच्चे की स्थिति – मेडागास्कर, इक्वेट्टो, एस्वातीनी, वैश्तीनी, वैश्या पुत्री, स्त्री रोग से सम्मानित प्राप्त।

एक से देश के राष्ट्रपति तक का सफर
कोविंद ने भारत के संकट के समय में बेहतर किया। उनका वह मेहनत से काम करने वाले बने, बने और फिर बिहार के बने। राष्ट्रपति बने। 1971 में डेल्ही बार-बार पंजीकृत होने से पहले यह दर्ज किया गया था। वह 1977 से 1979 तक डी.एल.

वह 1978 में स्थिति में ‘एडवोकेट–स्वचालित-रिमोनी’ बनीं। 1980 से 1993 तक राज्य में स्थिर राज्य कोविंद 1994 में सदस्य बने। वह दो पद पद के लिए अक्टूबर 2006 तक उच्च सदन के सदस्य हैं। अगस्त अगस्त 2015 को बिहार का विषय-वस्तु घोषित किया गया। खिलाडिय़ों ने खिलाडिय़ों को प्रभावित किया। पहली बार 25 नवंबर 1997 से 25 नवंबर 2002 तक नारायण राष्ट्रपति थे। कोविंद की पत्नी और एक बेटी है।

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