राजस्थान पुलिस अधिकारी की आत्महत्या मामले में कांग्रेस विधायक कृष्णा पूनिया पर वारंट
रायपुर: पूर्व ओलंपियन और सादुलपुर (चुरू) के विधायक कृष्णा पूनिया के खिलाफ मंगलवार को जमानती वारंट जारी किया गया। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) कोर्ट ने पूनिया को 4 मार्च को पेश होने का आदेश जारी किया है। विधायक पर बीकानेर संभाग के राजगढ़ थाने के इलाके में एसएचओ विष्णुदत्त बिश्नोई को आत्महत्या के लिए विवश करने का आरोप है। राजगढ़ के दरवाजे थाना निदेशक विष्णुदत्त बिश्नोई ने 23 मई 2020 को आत्महत्या कर ली थी। विष्णुदत्त के भाई संदीप बिश्नोई ने कृष्णा पूनिया पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था। संदीप ने दर्ज की एफआईआर कृष्णा पूनिया को विष्णुदत्त की आत्महत्या के लिए जिम्मेदार बताया।
सबसे पहले सीआईडी ने की थी जांच
इस मामले की जांच पहले सीबी सीआईडी ने की थी। स्थानीय लोगों ने मामले की जांच बी.आई को पसंद करने की मांग की। इसके बाद राज्य सरकार ने यह मामला सीबीआई को सौंपा, जिसने अपनी जांच में एफआर लगा दी थी। एफआर रिपोर्ट एक्माम (सीबीआई), जोधपुर को सौंपी गई थी। शोक कोर्ट ने मामले की दोबारा जांच का आदेश दिया, एफआर खारिज कर दिया। साथ ही कृष्णा पूनिया के खिलाफ जमानती वारंट जारी करते हुए उन्हें तलब किया।
पिता की मौत के बाद बेटा भी फांसी लगा रहा था
एस चक्रवर्ती और उनके कार्यकर्ता मित्र के बीच एक चैट चैट का ट्वीट वायरल हुआ, जिस आधार पर पुलिस अधिकारियों ने दावा किया कि एस स्टेटमेंट स्थानीय स्तर पर गांधी राजनीति में फंस रहा था। हालांकि, कृष्णा पूनिया के प्रतिनिधि वीरेंद्र पूनिया ने कहा, “हम इस मामले में पूरी तरह से निर्दोष हैं। हम इसके खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील करेंगे।” सीबीआई की रिपोर्ट में माना जाता है कि कृष्णा एस पोर्टफोलियो को फोन करती रहती है। इस बात से वह परेशान भी रहता था। विष्णुदत्त की आत्महत्या के बाद उनके नाबालिग बेटे ने भी घर में फांसी लगा ली। वह 11वीं का छात्र था और उसके पिता की मौत से वह काफी सदमे में था। पिता-पुत्र दोनों की मौत के बाद टूट गया पूरा परिवार।
एक सुसाइड नोट परिवार के नाम, दूसरा एसपी के नाम
विष्णुदत्त बिश्नोई ने दो सुसाइड नोट लिखे थे। एक सुसाइड नोट उनके परिवार वालों के नाम लिखा हुआ था और दूसरा चुरू का संलग्नक एसपी तेजस्विनी गौतम के नाम। इसमें उन्होंने लिखा था, “आदरणीय मैडम सॉरी, प्लीज, मेरे चारों ओर इतना दबाव बना दिया कि मैं तनाव सहन नहीं कर सका। मैंने आखिरी सांस तक राजस्थान पुलिस को अपनी सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश की। अनुरोध है कि किसी को परेशान न मैं कायर नहीं हूं। बस तनाव नहीं जीत सका। मैं खुद अपना अपराधी हूं।”
इस बीच कृष्णा पूनिया ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “मुझे अभी तक कोर्ट वारंट नहीं मिला है और केवल मीडिया से जानकारी मिली है। मुझसे एक बार पूछताछ की गई है, लेकिन आगे की जांच के लिए कहीं भी नहीं बुलाया गया है।” ।”