बुजुर्गों से करोड़ों रुपये ठगने के आरोप में भारतीय मूल के अमेरिकी को तीन साल की सजा


हाइलाइट्स

लाखों अमेरिकी डॉलर ठग चुका था आरोपी
सरकारी विभाग का कर्मचारी बता करते थे ठगी
फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर खुलवाया था बैंक अकाउंट

वाशिंगटन. एक भारतीय-अमेरिकी को अमेरिका में धोखाधड़ी करने वाली टेलीमार्केटिंग स्कीम से वरिष्ठ नागरिकों को ठगने के लिए तीन साल के कारावास की सजा सुनाई गई है. भारतीय मूल के हिरेनकुमार पी. चौधरी को पिछले वर्ष एक कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में दोषी ठहराया था. स्थानीय पुलिस ने चौधरी को धोखाधड़ी से कमाए पैसों को वैध बनाने के लिए गिरफ्तार किया था.

समाचार एजेंसी पीटीआई की एक खबर के मुताबिक इलिनोइस के उत्तरी जिले के अमेरिकी अटॉर्नी जॉन आर लॉश ने साल 2021 में दोषी करार दिए गए 29 वर्षीय चौधरी को तीन साल की सजा सुनाई है. उन्होंने कहा कि चौधरी ने टेलीमार्केटिंग स्कीम से बुजुर्ग पीड़ितों से सीधे हासिल धन को वैध बनाने में अहम भूमिका निभाई थी. अमेरिकी अटॉर्नी जॉन आर लॉश ने आगे कहा कि चौधरी ने टेलीमार्केटिंग योजना के तहत अमेरिका में कई बैंक खाते खोलने के लिए एक नकली भारतीय पासपोर्ट, झूठे नाम और झूठे पते का इस्तेमाल किया.

खुद को सरकारी विभाग का बता करते थे ठगी
इस धोखाधड़ी में चौधरी ने अन्य लोगों के साथ मिलकर खुद को अमेरिकी न्याय विभाग (US Department of Justice) और अन्य एजेंसियो के साथ जुड़े होने का झूठा दावा कर पीड़ितों को ठगा था. आरोपी पीड़ितों को फोन कर यह बताते थे कि उनकी जानकारियों को चुरा लिया गया है और उनके द्वारा बैंक में जमा किये गए पैसों को दूसरे बैंक में शिफ्ट करना जरूरी है.

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एक नर्स से ठगे थे 9 लाख अमेरिकी डॉलर
पीड़ितों में से एक मैसाचुसेट्स (Massachusetts) की एक सेवानिवृत्त नर्स थी, जिसने चौधरी या अन्य लोगों के खातों में अपने बैंक खातों से कुल 900,000 अमरेिकी डॉलर से अधिक की रकम ट्रांसफर की थी. हिरेनकुमार पी. चौधरी फ़ोन कॉल कर लोगों से पैसे ऐंठता और बाद में पीड़ितों को ब्लॉक कर देता था.

Tags: Fraud, USA



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