फारूक अब्दुल्ला
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा क्षेत्र के लोगों की परिसीमन को चुनौती देते हुए याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को खारिज कर दिया। इसे लेकर पीडीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती के बयान आए थे। अब इस पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व सांसद फारूक अब्दुल्ला ने भाजपा सरकार की मंशा पर सवाल उठाया है।
फारूक अब्दुल्ला ने कहा, “मैं बीजेपी सरकार की मंशा जानता हूं। वे चुनाव के बाद भी जम्मू-कश्मीर को राज्य का स्तर नहीं दे रहे हैं। अन्यथा, वे परिसीमन नहीं करते। वे हिंदू बहुल राज्य बनाना चाहते हैं, लेकिन सांकेतिक शब्दों में बदलना होगा।”
महबूबा मुफ्ती का क्या था कंफर्मेशन?
वहीं, महबूबा मुफ्ती ने कल अपने बयानों में कहा था कि जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम और अनुच्छेद 370 पहले से ही सर्वोच्च न्यायालय में फंसा हुआ है, फिर हम उनसे कैसे उम्मीद कर सकते हैं कि वे केंद्र का अधिकार प्रदेश में विधानसभा और विधानसभा चुनाव क्षेत्रों के पुनर्निर्धारण परिसीमन आयोग के लिए फैसला लेंगे। महबूबा ने कहा था, “हम शुरू से ही परिसीमन आयोग को खारिज करते रहे हैं। हमें सावधानी नहीं है। चाहे जो भी फैसला हो, हम कभी भी चर्चा का हिस्सा नहीं थे।”
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर में विधानसभा और विधानसभा क्षेत्रों के पुनर्निर्धारण के लिए परिसीमन आयोग के गठन के सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। एस ओका की एक याचिका ने जम्मू-कश्मीर के दो निवासियों की ओर से दायर याचिका पर फैसला सुनाया था।
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