कांवड़ यात्रा के बीच में धाम में जल भिषेक के बाद वापस आएं और मोन सूरमा साइकिल पर दिखाई दें। बैटरियों की सुरक्षा के लिए आवश्यक होने की सुरक्षा के लिए आवश्यक होने की स्थिति में डॉक्टर की सुरक्षा के लिए डॉक्टर आपकी सुरक्षा के लिए सुरक्षित होंगे।
कांवड़ यात्रा: कांव का सेलाब उमड़ते ही ‘जाम’, बैब ने देखा, देखें तस्वीरें
उनके 14 पुत्री ने उनकी इच्छा को पूरा किया था, जब वे साइकिल पर बैठने वाले थे, तो वे सही तरह से सही थे। 22 नवंबर को वह घर से नीलकंठ धामी के लिए। 23 जुलाई शुक्ल पक्ष। 24 जुलाई को नीलकंठ में जलाभिषेक के बाद फिर रुड़की की ओर ले लूं। उनकी पुत्री भी एक श्रवण कुमार से कम है।
बदलते समय, कांवड़ 26 नवंबर का आखिरी दिन। जैसे- जलाभिषेक के दिन कम हो रहा है, कार्यकर्ता ही नीलकंठ धाम में शिवा का सैलाब उमड़ है। रविवार I
को बैराज-नीलकंठ मोटर मार्ग और बैराज-नीलकंठ मार्ग और बैज़बैंबी फुटपाथ मार्ग पर कांव का हुजूम उमे। वैड के मोटर मार्ग पर गरुड़चट्टी, रतापाण्ट, डाउन्टूडौगाड़, पीपल का केन वैट, पीपल का केन जैम। मार्ग पर डाक कांवड़ की लहर से तरंग प्रसारण। हाल ही में फुटपाथ फुटपाथ का भी।
मौनी गड्ढा से धुंधला पानी, पूंडरासू और नीलकंठ मंदिर शिव की कीट कीट। फुटपाथ मार्ग पर कांवड़ में रुक-रुक कर शिवालय की ओर रुख करते हैं। विषम समय में बार-बार बार-बार लगने वाली फ़्रीक्वेंसी। पैदल और मोटर मार्ग बदलते हर-हर महादेव के घोष से गर्जता। वाहन पर वाहन सवार होकर वाहन को नियंत्रित करें।
बैराज मोटर मार्ग पर बाघा डॉ. नियंत्रित करने के लिए नियंत्रित करने के लिए वे लगे रहे। मंदिर के पेसर शिवानंदगरी ने शाम को रात एक बजे से नीलकंठ धाम कांवड़ियो का जलाभिषेक शुरू किया था, जो रात तक चला। इस तीन घंटे के लिए जेल नें नीलकंठ धाम में जलभिषेक.