बीजिंग. चीन ने बृहस्पतिवार को तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि अमेरिका ‘विश्व शांति, स्थिरता और विकास’ के लिए सबसे बड़ा खतरा है. इससे पहले, अमेरिका ने चीन पर जासूसी करने और उसे अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के लिए खतरा बताया था. एक दिन पहले, अमेरिका के संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) और ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी ने चीन सरकार के खिलाफ कारोबारी नेताओं को आगाह किया था कि बीजिंग प्रतिस्पर्धी बढ़त बनाने के लिए उनकी प्रौद्योगिकी चुराने पर आमादा है.
एफबीआई के निदेशक क्रिस्टोफर डब्ल्यू रे ने चीन द्वारा आर्थिक जासूसी और हैकिंग की घटनाओं के साथ-साथ अन्य देशों में असंतोष को दबाने के लिए चीन सरकार के प्रयासों की निंदा की थी. इस बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा, ‘अमेरिका के संबंधित नेता चीन को बदनाम करने और उस पर निशाना साधने के लिए चीन के काल्पनिक खतरे का जिक्र करते हैं.’
चीन और अमेरिका के बीच तीखी बयानबाजी ऐसे वक्त हुई है जब शनिवार को अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच इंडोनेशिया के बाली में जी-20 शिखर सम्मेलन में वार्ता होने वाली है. रे ने लंदन में ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी के महानिदेशक केन मैककुलम से वार्ता की थी. रे ने कहा था, ‘हम लगातार देख रहे हैं कि चीन सरकार हमारी आर्थिक और राष्ट्रीय सुरक्षा तथा हम सबके लिए खतरा पैदा कर रही है.’
मैककुलम ने कहा, ‘चीन सरकार और दुनिया में उसके द्वारा बनाए जा रहे दबाव ने हम सबके लिए महत्वपूर्ण चुनौतियां पैदा की हैं.’ मैककुलम के बयान पर झाओ ने कहा कि ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी चीन के प्रति असम्मानजनक रुख दिखा रही है. झाओ ने कहा, ‘ब्रिटिश खुफिया एजेंसी के प्रमुख को अपने दिमाग से बुराई निकाल देनी चाहिए, हर चीज में काल्पनिक दुश्मन को नहीं ढूंढना चाहिए.’
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FIRST PUBLISHED : July 07, 2022, 20:10 IST