नई दिल्ली। आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने कहा कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव (Jammu-Kashmir Elections) के बाद उस प्रदेश को राज्य का नया रूप दे दिया जाएगा। अमित शाह के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव पर फैसला अब चुनाव आयोग आपका होगा।
वहीं अडानी से जुड़े मुद्दों पर उनका बयान कहता था कि, अभी SC में केस का संज्ञान लिया है। कैबिनेट सदस्य के रिश्तेदार इस समय इस मुद्दे पर मेरा कुछ बोलना सही नहीं होगा, लेकिन इसमें भाजपा के लिए कुछ छिपाने के लिए नहीं है और न ही किसी बात से डरने की जरूरत है। इस प्रकार आज हिंडनबर्ग-अडाणी विवाद पर गृहमंत्री अमित शाह ने पहली बार बयान दिया है।
वहीं आज 2024 के चुनाव में उनका कहना था कि अज देश एकतरफा पीएम मोदी के साथ आगे बढ़ रहा है। देश की जनता को तय करना है तो आज से मुख्य विपक्षी का लेबल जनता ने किसी पार्टी को अभी तक नहीं दिया है।
इसके साथ ही त्रिपुरा चुनाव पर एएनआई से बात करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि, हमने ‘चलो पलटाई’ का नारा त्रिपुराई की स्थिति बदलने के लिए दिया था और आज हमने स्थिति को बदला है। । । बजट अच्छा किया गया है। लगातार हिंसा को अंजाम दिया गया है। नशे के कारोबार पर कठोर से नकल कसी है।
वहीं पीएफआई के मुद्दों पर उनका कहना था कि पीएफआई के कैडर पर कई मामलों में कांग्रेस ने काम किया था, जिसे कोर्ट ने रोक दिया था। । । हाल ही में पीएफआई पर बलात्कार किया गया। पीएफआई देश में धर्मांधता और कट्टरता बढ़ाने वाला संगठन था। आतंकवाद का एक प्रकार से सामग्री तैयार करने का काम वे लोग कर रहे थे।
उत्तर-पूर्व के मुद्दों को लेकर गृहमंत्री ने आज दावा किया कि, पीएम मोदी ने उत्तर-पूर्व और भारत के बाकी हिस्सों के बीच जो मन की दूरी थी उसे समाप्त कर दिया है। आज उत्तर-पूर्व के लोगों को मन से लगता है। कि बाकी हिस्सों में हमारा सम्मान है। बाकी राज्यों के लोग उत्तर पूर्व हो जाते हैं तो उनका भी सम्मान करते हैं।
बिहार और झारखंड नाज़ाल्वाद पर उनका कहना था कि, “किसी भी चरमपंथी उग्रवाद का लगभग अंत हो चुका है। मुझे विश्वास है कि छत्तीसगढ़ में भी कुछ ही समय में शांति बहाल करने में हम सफल होंगे। जम्मू-कश्मीर में भी आतंकवाद से संबंधित सभी प्रकार के आंकड़े सबसे अच्छी स्थिति में हैं। “
शहरों के नाम बदलने पर उन्होंने स्पष्ट किया कि, एक भी शहर ऐसा नहीं है जिसका पुराना नाम न हो और बदला है। इस पर बहुत सोच-विचार कर हमारी जातियाँ जजमेंट के लिए हैं और हर सरकार का ये विधायी अधिकार है।